कांकेर। जिले के बयानार ग्राम के ग्रामीणों ने एक बार फिर अपनी वर्षों पुरानी माँग को लेकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है। ग्रामीणों ने कलेक्टर कांकेर को एक ज्ञापन सौंपकर वर्ष 1962-63 से संचालित आदिवासी कल्याण विभाग की प्राथमिक शाला बयानार को पुनः प्रारंभ करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यह शाला वर्ष 2004 तक सुचारू रूप से संचालित रही, लेकिन 2005 में जब संयुक्त आश्रम प्रारंभ हुआ तो विद्यालय को “विद्युत” यानी बंद कर दिया गया। उसके पश्चात बिना किसी आदेश के बयानार के बच्चों को अन्य ग्राम कनमा स्थित आश्रम में भेज दिया गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कनमा आश्रम ग्राम से दूर जंगल के बीच है, जिससे बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
वर्ष 2013-14 में कनमा आश्रम को स्थायी रूप से ग्राम से बाहर तालाब किनारे स्थानांतरित कर दिया गया, जिससे बयानार के छोटे बच्चों को आने-जाने में अत्यधिक कठिनाई होती है। इसके अलावा, शासन के नियमानुसार अन्य ग्रामों के छात्रों को बयानार भेजा जाना था, लेकिन इसके उलट बयानार के बच्चों को ही बाहर भेजा जा रहा है। ज्ञापन में यह भी बताया गया कि बच्चों को रोज़ 3 किलोमीटर जंगल पार कर स्कूल भेजना पड़ता है, जो वन्य जीवों और अन्य खतरों के कारण अत्यंत असुरक्षित है। इसके अलावा कई अभिभावकों ने बच्चों को दूर भेजने से मना कर दिया है, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। ग्रामीणों की स्पष्ट माँग है कि उनके बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ग्राम में संचालित पुरानी प्राथमिक शाला बयानार को पुनः प्रारंभ किया जाए, ताकि बच्चे अपने ही गाँव में सुरक्षित वातावरण में शिक्षा प्राप्त कर सकें। ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने की अपील की है।