कांकेर। कलेक्टर नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर के निर्देश और उप संचालक कृषि जितेंद्र कोमरा के मार्गदर्शन में खरीफ सीजन के दौरान किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद, बीज और कीटनाशक उपलब्ध कराने हेतु जिला स्तर पर विशेष जांच टीम का गठन किया गया है। इसी क्रम में सोमवार को भानुप्रतापपुर विकासखंड के कोरर क्षेत्र में निजी कृषि दुकानों पर छापामार कार्रवाई कर कालाबाजारी पर अंकुश लगाया गया। इस कार्रवाई का नेतृत्व सहायक संचालक कृषि सुधीर ददोरिया और गुंजन सिंह भदौरिया ने किया। उनके साथ खाद-बीज निरीक्षक अमिनेश गावड़े, कृषि अधिकारी किरण भंडारी, प्रवीण कवाची और आशीष साहू की टीम ने कोरर के निजी कृषि केंद्रों में दबिश दी। दुकानों में लगे पीओएस मशीनों और स्टॉक का भौतिक सत्यापन किया गया, जिसमें अनियमितताएं पाई गईं।
किसानों ने की थी शिकायत
वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, भानुप्रतापपुर के अनुसार, कोरर क्षेत्र के निजी कृषि केंद्रों द्वारा रासायनिक खाद दो से तीन गुना अधिक कीमत पर बेचे जाने की शिकायत किसानों ने फोन के माध्यम से की थी। शिकायत के आधार पर कोरर के साप्ताहिक बाजार दिवस के दिन ‘विजय ट्रेंड्स खाद गोदाम’ का निरीक्षण किया गया, जहाँ 200 बोरी यूरिया खाद का स्टॉक मौजूद पाया गया।
किसानों ने आरोप लगाया था कि यूरिया की एक बोरी 500 से 600 रुपये में बेची जा रही है। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए विभाग ने खाद खरीदने आए किसानों को शासन द्वारा निर्धारित दरों पर खाद उपलब्ध कराई:
- यूरिया: ₹266.50 प्रति बोरी
- डीएपी: ₹1350 प्रति बोरी
- पोटाश: ₹1535 प्रति बोरी
- एसएसपी राखड़ खाद: ₹495 प्रति बोरी
इस दौरान 27 किसानों को कुल 79 बोरी यूरिया खाद शासकीय दर पर प्रदान की गई।
सख्त चेतावनी और अपील
कृषि विभाग की टीम ने निजी कृषि दुकानदारों को सख्त निर्देश दिए कि किसानों के साथ किसी प्रकार की ठगी, कालाबाजारी और जमाखोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही किसानों को समझाया गया कि यदि किसी निजी विक्रेता द्वारा अधिक दर पर खाद बेची जाती है, तो इसकी तत्काल सूचना कृषि विभाग के अधिकारियों को दें, ताकि समय रहते कठोर कार्रवाई की जा सके।